गाढ़ा खून बन सकता हार्ट अटैक-स्ट्रोक का कारण, ब्लड पतला करने के लिए खाएं ये 5 फूड, छूने भी नहीं पाएंगी गंभीर बीमारी

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गाढ़ा खून बन सकता हार्ट अटैक-स्ट्रोक का कारण, ब्लड पतला करने के लिए खाएं ये 5 फूड, छूने भी नहीं पाएंगी गंभीर बीमारी

Blood Thinning Foods: सर्दियों में दिल से जुड़ीं बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं. खासतौर पर हार्ट अटैक के मामले. वैसे तो इन मामलों के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन खून का गाढ़ा होना, इनमें से एक है. जी हां, शरीर में खून का गाढ़ा होना या फिर इसमें थक्के जमना जानलेवा हो सकता है. क्योंकि, गाढ़ा खून हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि के खतरों को बढ़ाता है. इसीलिए खून को पतला करने के लिए लोग तमाम उपाय करते हैं, लेकिन आराम नहीं मिलता है. लेकिन कुछ फूड्स आपकी इस परेशानी को दूर करने में कारगर साबित हो सकते हैं. आइए रिजेंसी हॉस्पिटल लखनऊ की डाइटिशियन एवं डाइबिटीज एजुकेटर रितु त्रिवेदी से जानते हैं इन फूड्स के बारे में-

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लहसुन: डाइटिशियन रितु त्रिवेदी बताती हैं कि, लहसुन सेहत के लिए बहुत लाभकारी है. इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जो रक्त के थक्के बनने में शामिल प्रोटीन फाइब्रिनोजेन के उत्पादन को कम करते हैं. इससे रक्त पतला रहता है और उसमें थक्के नहीं जमते हैं.  (Image- Canva)

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अदरक: डाइटिशियन के मताबिक, अदरक को आयुर्वेद में भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इसमें जिंजरोल्स नामक प्राकृतिक सूजनरोधी यौगिक होते हैं. जिंजरोल्स के कारण प्लेटलेट एकत्रीकरण कम होता है. जिससे रक्त पतला रहता है और स्वस्थ रक्त परिसंचरण को बनाए रखने में मदद मिलती है.  (Image- Canva)

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हल्दी: रितु त्रिवेदी कहती हैं कि, भारतीय रसोइयों का यह अहम मसाला कई रोगों की अचूक दवा है. हल्दी में करक्यूमिन नामक महत्वपूर्ण तत्व होता है. करक्यूमिन, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. इससे रक्त में थक्के नहीं जमते हैं और शरीर में रक्त का प्रवाह भी अच्छा रहता है.  (Image- Canva)

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विटामिन सी युक्त फल: विटामिन सी हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है. ऐसे में संतरे, नींबू, अंगूर, कीवी जैसे खट्टों फलों का नियमित सेवन करना चाहिए. इन फलों में विटामिन सी के साथ ही बायो फ्लेवोनॉयड्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं. ये दोनों ही शरीर की कोशिकाओं की दीवारों को मजबूत बनाते हैं, उनकी सूजन को दूर करते हैं. जिसकी मदद से खून में थक्के नहीं जम पाते और खून आसानी से शरीर में प्रवाहित होता है.  (Image- Canva)

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ग्रीन टी: एक्सपर्ट की मानें तो ग्रीन टी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. इसमें मौजूद कैटेचिन नामक तत्व रक्त को पतला करके उसमें थक्के बनने से रोकता है. कैटेचिन रक्त के थक्के बनने में शामिल दो प्रमुख प्रोटीन फाइब्रिनोजेन और थ्रोम्बिन को बाधित करके काम करता है. फाइब्रिनोजेन एक रक्त प्रोटीन है जो थक्के बनाने में मदद करता है. कैटेचिन फाइब्रिनोजेन और थ्रोम्बिन के उत्पादन को कम करके रक्त के थक्के बनने को रोकते हैं. साथ ही इसके नियमित सेवन से कोशिकाओं में रक्त का प्रवाह भी अच्छा होता है.  (Image- Canva)

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