नीतीश ने अपने पत्ते फेंके, अब क्या करेंगे लालू प्रसाद? ‘फ्लोर टेस्ट’ को लेकर क्या है अहम रणनीति?

हाइलाइट्स

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शाम या रात को अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
कई कांग्रेस विधायकों के नीतीश कुमार के साथ जाने की उम्मीद.
अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने खुद मोर्चा संभाला है.

नई दिल्ली. बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सूत्रों से खबर आ रही है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आज शाम या रात को अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं और कई कांग्रेस विधायक उनके साथ जाएंगे. नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में फिर से शामिल होने की अटकलें तेज हैं. महागठबंधन में लालू यादव (Lalu Yadav) के नेतृत्व वाली राजद भी शामिल है. अब राजद (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने खुद मोर्चा संभाला है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव यह दिखाना चाहते हैं कि राजद संख्या बल जुटाने में लगा और यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि पार्टी बिना लड़े हार नहीं मानेगी.

लालू यादव ने एक बैठक में राजद के सभी विधायकों को पटना में रहने को कहा. लालू ने अपने विधायकों को कहा कि सुख-दुख में आप सब साथ रहे हैं. हम लोग जब-जब आप लोगों को बुलाए हैं, आप एकजुट होकर आए हैं. तेजस्वी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाइए, सरकार नहीं छोड़ना है, किसी को इस्तीफा नहीं देना है. सबसे बड़ी बात यह है कि राजद इस रणनीति को बनाने की कोशिश कर रही है कि किसी तरह से नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से रोकने की कोशिश की जाए. मगर इसके कारगर होने की उम्मीद बहुत कम है. राजद इस मुद्दे को बिहार विधानसभा में भी उठाने की योजना बना रही है, जब 5 फरवरी शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान विश्वास प्रस्ताव आएगा.

राजद और जद-यू का तनाव चरम पर
उम्मीद है कि नीतीश कुमार रविवार को ही जेडीयू-बीजेपी गठबंधन में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं, जबकि संभावना है कि बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी उनके डिप्टी के रूप में फिर से वापस लौटेंगे. बिहार के राजनीतिक माहौल पर भाजपा के दिग्गज नेता सुशील मोदी ने कहा था कि ‘जो दरवाजे बंद हैं वे खुल सकते हैं राजनीति संभावनाओं का खेल है. हालांकि उन्होंने इस मुद्दे पर विस्तार से बोलने से इनकार कर दिया. गौरतलब है कि जद (यू) और राजद के बीच पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण चल रहे संबंध तब चरम पर पहुंच गए जब 25 जनवरी को लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने नीतीश कुमार की ‘वंशवाद की राजनीति’ वाली टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की. इसके बाद उन्होंने अपने ट्वीट्स हटा दिए.

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नीतीश का हटना ‘इंडिया’ ब्लॉक को झटका
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में नीतीश कुमार की संभावित वापसी विपक्ष के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के लिए एक झटका होगी क्योंकि शुरू से वह इसका एक प्रमुख सदस्य रहा है. वहीं शुक्रवार को समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार ‘इंडिया’ ब्लॉक के साथ रहते तो जेडीयू प्रमुख प्रधानमंत्री बन सकते थे. अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर “उत्साह की कमी” होने और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सदस्यों को खुश रखने के लिए पर्याप्त कदम नहीं बढ़ाने का भी आरोप लगाया.

Tags: Bihar politics, BJP, CM Nitish Kumar, Nitish kumar

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